न तोड़ना चाहते थे…
न तोड़ना चाहते थे… हम नियमों की दीवारें ! और न जाने कितनी बार बेमौत मरे हम !! अंजु गुप्ता
Read Moreन तोड़ना चाहते थे… हम नियमों की दीवारें ! और न जाने कितनी बार बेमौत मरे हम !! अंजु गुप्ता
Read Moreजब दिल हंसता है, तो पूरी दुनिया खिल उठती है, हंसी बस खूबसूरत होती है, बेइंतहा खूबसूरत होती है, हंसी
Read Moreमैं असीमित होना चाहती हूं, सीमित होना मेरी फितरत नहीं, मैं सकारात्मक होना चाहती हूं, नकारात्मक होना मेरी फितरत नहीं,
Read Moreसहज भाव से कविता को सजाते रहिए, इस तरह अपने मन के गीत को सुनाते रहिए. विनीत भाव से अपने
Read Moreमैं सूर्य-किरण हूं मैं अपने सूर्य की किरण हूं मैं सूर्य की किरण होते हुए भी सूर्य से कतई अलग
Read Moreजब भी हम-आप किसी किताब को खोलते हैं और पढ़ते हैं, तो एक वृक्ष मुस्कुराकर संदेश देता है, कि मृत्यु
Read Moreमुझे भी कुछ ज्ञान है मौन की प्रकृति का, वो होता है लक्षण स्वीकृति का ! सदियों से लोग कहते
Read Moreचै डूबा डहार लू कासार टूटे ज्यूँ तट तलमलाहट काकतालीय दुःख {1} हो चूनी कुपंथी छीने चुन्नी स्त्री परेशानी समाज
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