ग़ज़ल
वक्त सबका हिसाब कर देगा, जर्रे को आफताब कर देगा फिरते हैं बने तवंगर जो, उनका खाना-खराब कर देगा सब्र
Read Moreचलो ऐसा भी मेरे यार, एक बार कर दिया जाए, मुझे इस दुनिया में, दुनियादार कर दिया जाए। कब तक छिपेगा
Read Moreसारा गाँव रोशन आज दीवाली का दिन था अमावस की रात में अंधियाली का दिन था छप्पन भोग बना परोसी
Read Moreखुदा ने देखो कैसी दुनिया ये बनाई है पैसे का मोल यहाँ भाई का नही भाई है दया नही है
Read Moreआता है फिर याद बचपन सुहाना वो बारिश के पानी में कश्ती बहाना कभी खेलना कभी पढ़ना पढ़ाना वो छुट्टी
Read Moreपूछ रहा है रावण कब तक मुझे ही जलाते रहोगे, कब तक अपने दोषों को तुम यूँ ही छिपाते रहोगे।
Read Moreजोड़ कर तिनका बनाया था, तो वह घर बन गया बढ़ते बढ़ते अन्त में नाला समुन्दर बन गया | भूख
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