नवरात्रि है आई
नवरात्रि है आई ‘ नवरात्रि है आई भक्ति संग खुशियाँ ‘ उल्लास है लाई नवरात्रि है आई नवरात्रि है आई
Read Moreनवरात्रि है आई ‘ नवरात्रि है आई भक्ति संग खुशियाँ ‘ उल्लास है लाई नवरात्रि है आई नवरात्रि है आई
Read Moreगांधी जी तेरे देश में हो रहा अजब कमाल जनता भूखें मर रही नेता मालामाल गांधी जी तेरे देश
Read More(Pok में भारतीय सेना की ऐतिहासिक कार्यवाही पर सेना और सरकार को बधाई देती मेरी नई कविता) धन्य धन्य भारत
Read Moreमन के कागद पर लिखो ,प्रिय मेरी तकदीर| हृदय कलम मसि नेह की ,रँगो धवल तस्वीर|| आखर-आखर जोड़
Read Moreहम अपने घर में बेगाने वाह ज़माना क्या कहने दुनिया गढ़ लेती अफ़साने वाह ज़माना क्या कहने युग समाज़वादी का मतलब लूट
Read Moreगीतात्मक मुक्त काव्य, “चल अब लौट चलें” अब हम लौट चलें, चल घर लौट चलें चाखी कितनी बानगी, चल अब
Read Moreखिल उठे फिर से बगीचे में सुमन। छँट गये बादल हुआ निर्मल गगन।। उष्ण मौसम का गिरा कुछ आज पारा,
Read Moreगीत -“अंग्रेजी की शान” अपनी हिन्दी भूल गए हम, अंग्रेजी की शान में| हैलो,हाय,और बाय कर रहे, लोगों से सम्मान
Read More(काश्मीर के उरी में आतंकी हमले में मारे गए 17 सैनिकों की दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर मेरी कविता के रूप में
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