नवरात्रि के हाइकु
नवरात्रि के हाइकु 01 दक्ष नाशिनी बहुवर्णी देवि मां भव मोचनी। 02 ऐन्द्री कौमारी वाराही माहेश्वरी विशाला ग्राही। 03
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Read Moreचन्द्रयान पर उतरना, एक कदम था दूर। किन्तु जरा सी चूक से, हुआ देश मजबूर।। — विफल हुए तो क्या
Read More01ः- अहं का खेल मुद्दे पाताल में हम हैं फेल। 02 :- तू- तू में-में ही बन लिया कर्तव्य अपनों
Read Moreनया साल पहला त्योहार नई उमंग स्नान, दान खिचड़ी पकती एकता बनी देव जाग्रत उम्मीदों की पतंग करें नमन मौलिक
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