क्यों तुमने मुड़ कर नही देखा
जाने कितनी ही देर तलक, मै दुविधा में रही खड़ी थी। क्यों तुमने मुड़ कर नही देखा। शांत पड़े थे
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Read Moreसावन आता बूँद बूँद गिरता नेह मन का ! … मेहंदी सजा सावन में बहना शुभ करती ! … पावन
Read Moreएक रोज खोज रही थी खुद को पाया कभी तुम्हारे कान्धें की नीचे तुम्हारे सर को दिये सराहा तो कभी
Read Moreठहर जाओ बादलों ठहर जा बहती पवन ! थम सा गया है वारिधि , तेरी छवि में हो मगन !!
Read Moreदरबारियों की टीम का हिस्सा नही हुआ मेरा तभी जहान में चर्चा नही हुआ यूँ तो मेरा रुका ही नही
Read Moreएक वही सबका पालक है क्या तुमको इसमें भी शक है नालायक तो है नालायक जो लायक है वो नायक
Read Moreउगते सूरज की तरह, दे प्रकाश हर ग्रंथ। हो कोई भी सभ्यता, सबके सुंदर पंथ॥ सबके सुंदर पंथ, संत सब
Read Moreइस तरह हम आजमाए जा रहे हैं हर क़दम काँटे बिछाए जा रहे हैं क्या ग़जब है तीरगी का साथ
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