विकसित मेरा देश…
भारत सदैव ही, एक विकसित देश है, जिसकी की रज-रज मे मानवता का समावेश है | विश्व बंधुत्व जहाँ धर्म
Read Moreभारत सदैव ही, एक विकसित देश है, जिसकी की रज-रज मे मानवता का समावेश है | विश्व बंधुत्व जहाँ धर्म
Read Moreपथरीली-सी वो राह जिस पर चलकर घिस लिए थे उसने जानबूझकर अपने तलवे हर उठता क़दम करता है पथरीलापन कम
Read Moreऐन केन प्रकेन करके जैसे तैसे विकास की ट्रेन को रोक दो हमारा हाथ गंदा हो गया है एक नया
Read Moreबचपन की बात बस, बचपने से सीखिए, युवावस्था, आये बुढापा, बचपन ना जाने दीजिये। बचपन की मासूमियत, मुख पर बरकरार
Read Moreतपती धूप में वो ठेला धकाता था नहाने को पानी नहीं था रोज पसीने से नहाता था घर को चलाने
Read Moreअँधेरे में झलकती लाइट गाड़ियों की तार की केसरिया, लाल रंगों में, थक जाती है नज़र भी। कोलाहल-सा चारों ओर;
Read Moreसिगरेट स्वास्थ्य के लिये हानिकारक हैं फिर भी पीते हैं धुँआ उठाते हैं वो भाई मौत से किसे डर लगता
Read Moreशब्द/शीर्षक मुक्तक आयोजन शब्द- उपाय – युक्ति, साधन, तरकीब, तदबीर, यत्न, प्रयत्न उपाय तो बहुते हैं, करो युक्ति मन लाय
Read Moreधरती का शृंगार वृक्ष है धरती का शृंगार वृक्ष है काट रहे है कैसा ये दृश्य है नही बरसते मेघ
Read More