“कुंडलिया”
“कुंडलिया” होली हमने खेल ली ,सीमा पर ललकार माँ माटी को चूम ली, तेरी जय जयकार तेरी जय जयकार,
Read More“कुंडलिया” होली हमने खेल ली ,सीमा पर ललकार माँ माटी को चूम ली, तेरी जय जयकार तेरी जय जयकार,
Read Moreमौज मस्ती का गूँजे तराना इधर। लोग बना रहे है अफसाना इधर। उमंग को रंग में घोल करके यहाँ, मना
Read Moreभागा रे भागा रे देखो दारु बाला कर गया हाय कैसा घोटाला । ओवेसी के मुँह पर लग गया ताला
Read More“शायद वह जा रही है” शायद वह जा रही थी॥ मुड़ मुड़ कर उसका देखना ठिठक कर रुकना फिर पैरों
Read Moreजीवन के रंगों में कई मौसम आये और गए, कभी ख़ुशी के कमल खिले कभी गम के छीटें पड़े, कभी
Read Moreनन्हे कपकपाते हाथ से फाड़ ही डाले उसने अपने काॅपी के दो पन्नें फिर न जाने कितने तिकोने में मोड़
Read Moreजल रहा दीप मद्धम मद्धम मन पुलक रहा चंदन चंदन। खोल रहे दृग सुमन द्वार मचल रहा दिल बन बहार
Read More