कविता
पत्नि के पीहर जाने पर पति खुश क्यूं होते है सोचा मैंने ऐसा क्या है जो ये पत्नियों संग रोते
Read Moreबार बार ये भूकंप आये बार बार मन घबराये ऐसी गोटी घुमाके प्रभू अपनी TRP बढाये हम तो ठहरे भले
Read Moreधरती के अन्दर उदगार उठा जिससे भू-पर्पटी हिलने लगा आपसमें शोर हुआ चारों ओर अफरा – तफरी मचने लगा लोग
Read Moreकतरा कतरा बन जि़न्दगी गिरती रही समेट उन्हें, मै यादों में सहेजती रही अनमना मन मुझसे क्या मांगे,पता नहीं पर
Read Moreप्रायः रात्रि में अर्द्ध चंद्र के पास एक तारा दिखाई देता है। इस गीत में उस चंद्रमा को एक प्रेमी
Read Moreचाहता नहीं कोई मुझे पलकों पर उसकी आ जाऊँ; पर, मुखारविन्द पर अन्य के, कजराई बनकर छा जाऊँ। सम
Read Moreजुर्म सज़ा और जमानत ( इक कड़बी सच्चाई ) सलमान के हिट एंड रन केस का फैसला क्या आया मीडिया
Read More( मेरी माँ शान्ति देवी को समर्पित, जो ईश के संग मुझे दे रही आशीर्वाद ) हुई अनंत कृपा
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