संकल्प
हम सभी को मिल संकल्प अब ये करना है अहिंसा के द्वारा हमें युग का रूप बदलना है हम जीवन
Read Moreशीर्षक शब्द -नदी/नदिया /दरिया /जलधारा आदि “दोहा मुक्तक” नदी सदी की वेदना, जल कीचड़ लपटाय कल बल छल की चाहना,
Read Moreईशोपनिषद- काव्यभावानुवाद ईशोपनिषद के प्रथम मन्त्र ..”ईशावास्यम इदं सर्वं यद्किंचित जगत्याम जगत |” ”तेन त्यक्तेन भुंजीथा मा गृध कस्यविद्धनम
Read Moreमाँ मैं जब बहुत छोटी सी थी तभी से मेरी माँ बूढ़ी सी हो रही थी और बीमार भी बहुत
Read Moreसर्वस्व चल रहे हैं जश्न आज है महिला दिवस आई है कोई नवक्रांति मन रहा कोई नव दिवस! सोसिअल मीडिया
Read Moreबेटा जो उम्मीदो पर खरा उतर जाए तो झुर्रिया अपने आप कम हो जाए और चेहरे पर बेसाख्ता हँसी आ
Read Moreचहकित चकित चेतन चलत, चैतन्य की चितवन चुरा; जग चमक पर हो कर फ़िदा, उन्मना हो हर्षित घना ! शिशु
Read Moreकबहू उझकि कबहू उलटि, ग्रीवा घुमा जग कूँ निरखि; रोकर विहँसि तुतला कभी, जिह्वा कछुक बोलन चही ! पहचानना आया
Read More“बसंत जगा रहा है” शायद वो बसंत है, जो पेड़ों को जगा रहा है मंजरी आम्र का है, कुच महुआ
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