“समर्पण”
सहजता से लक्ष्य की ओर बढना, निश्चितता से उसको पूर्ण करना, जिम्मेदारी को विशेष से समझना, समर्पण शायद इसी को
Read Moreहिंदी हमारी शान है हिंदी हमारी जान हमारा हिंदुस्तान का हिंदी है पहचान शिष्टता और सम्मान का हिंदी पाठ पढ़ाती
Read Moreतेरे और मेरे बीच क्या है नाता न तुम्हें पता न मुझे पता तुम नन्ही चिड़िया सी हो तुम्हारी
Read Moreदुनिया के हर कोने में, जलती है चिमनी, और उठता है धुआं, आज भी.. लेकिन ये सब रोशनी के लिए
Read Moreएक भोली भाली लडकी का अद्भुत, अनुपम दीदार हुआ, सुंदरता का वर्णन ऐसा कंचन सा श्रृंगार हुआ, आँखें जिसकी शर्मीली
Read Moreआजकल की नारियों की कैसी बन गयी आदत सभी जरुरी काम छोड़कर लगी है सीरियल देखने की लत उस वक्त
Read Moreचाँदनी को अपनी मुट्ठी में भींच कर “मंजू” कब तक चलती रहूँ मैं कितनी सर्द हो गई है हथेली कब
Read Moreयादों में डूबा कभी सोचता हूँ कि वो पल क्या थे सच के ईनाम थे या झूठ के पैगाम थे
Read Moreफागुन की झोली से उड़ने लगे रंग मौसम के भाल पर इन्द्रधनुष चमके गलियों और चौबारों के मुख भी दमके चूड़ी
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