चुप्पी
कभी किसी की चुप्पी कितना उदास कर जाती है। साँसें भी भारी होती जाती है। मन हो जाता है उस
Read Moreमैं एक गुत्थी अनसुलझी कभी विस्मित कभी आश्चर्य कभी होती भौचक्की कभी लफ्ज़ कभी मर्म कभी सख्त कभी नर्म कभी
Read More1 चल रहे थे हम अकेले मिल गया कोई अचानक राह के सुने चमन में खिल गया कोई अचानक मौन
Read Moreउम्मीद लगाये बैठे हैं, आकर निगाहों में बस जा। समा जलाये बैठे हैं,आकर दिलों में जगह बना जा। अपने प्रकाशपुंज
Read Moreवो रात दूसरी थी ये दिन दूसरा है वो बात दूसरी थी ये राज दूसरा है सतर्क रहने की कोशिश
Read Moreमन उद्वेलित है नींद नहीं अब आती है, उन बीर शहीदों की ही याद सताती है, बलिदान हो गए आज
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