“नारी”
बन्द करो ये अत्याचार, नारी करने लगी पुकार। बन्द करो ये अत्याचार। कब तक होगा ये परहेज़, कोई न लेगा
Read Moreउनका भी दिल धड़कता है क्या मेरे लिए तड़पता है । पूंछू तो कैसे ? मन होता है उनका बेचैन
Read Moreजब कभी ठहर जाता है, दर्द . कतरा-कतरा पिघल आँखों में, जम सा जाता है, मानो , तकलीफ़देह, होता है
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