बालगीत – छप्पक छैया
छप्पक छैया ! छप्पक छैया। चलो बाग में खेलें भैया।। देखो बादल बरस रहे हैं। नाले – नाली खूब बहे
Read Moreछप्पक छैया ! छप्पक छैया। चलो बाग में खेलें भैया।। देखो बादल बरस रहे हैं। नाले – नाली खूब बहे
Read Moreरक्षा बंधन आया है, स्नेह बहन का पाया है, राखी बांधी उसने मुझको, मेरा मन हर्षाया है. मां ने कहा
Read Moreहमें चाहिए आजादी कोरोना के कष्टमय इरादों से, व्यर्थ के दुःखदायी विवादों से, दुश्मन की नापाक चालों से, प्लास्टिक बैग
Read Moreवन उपवन को रंगों से खूब सजाने आई तितली। बगिया के नव कलियों पे ,प्रीत लुटाने आई तितली। देख महकते
Read Moreआओ अग्निवीर बन जाएँ, भारत माँ का भार उतारें। ढूँढ़ – ढूँढ़ दुश्मन को लाएँ, गिन – गिन कर नित
Read Moreबुआ जब भी आती हैं, खेल-खिलौने लाती हैं, टॉफी-बिस्कुट-कपड़े-मिठाई, चीजें ढेर-सी लाती हैं. ममी कहतीं, ”रोज बुआ से, चीजें लेना
Read Moreदेश का करने को उद्धार, हमें ही बढ़ना होगा मीत। उसे ही मिलता है गल हार, शृंग पर चढ़ता पाता
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