“ठेले पर बिकते हैं बेर”
लगा हुआ है इनका ढेर। ठेले पर बिकते हैं बेर।। रहते हैं काँटों के संग। इनके हैं मनमोहक रंग।। जो
Read Moreलगा हुआ है इनका ढेर। ठेले पर बिकते हैं बेर।। रहते हैं काँटों के संग। इनके हैं मनमोहक रंग।। जो
Read Moreइस धरती की कठिन डगर पर, आगे बढ़ते जाएंगे साहस के पुतले बनकर हम, जग को स्वर्ग बनाएंगे- आज हमारी
Read Moreसतयुग, त्रेता, द्वापर बीता, बीता कलयुग कब का, बेटी-युग के नए दौर में, हर्षाया हर तबका। बेटी-युग में खुशी-खुशी है,
Read Moreदेश हमारा एक है बच्चो, अलग-अलग हों चाहे धर्म, अपना-अपना धर्म पालते, करते रहना है शुभ कर्म. रहते हिंदू इस
Read Moreबरफी होती है चौकोर, मुझको बहुत सुहाती है, मीठी-मीठी, ताजी-ताजी, मुझे बहुत ही भाती है. लड्डू होता दानेदार, बड़े
Read More‘अ’ अनार पर बैठा है, मन ही मन में ऐंठा है. ‘आ’ ने आम का गुटका खाया, अटक गया तब
Read Moreप्यारे चुन्न मुन्न जल्दी आओ, आकर जल्दी सो जाओ निंदिया रानी तुम्हें बुलाए, सपनों में तुम खो जाओ- जल्दी सोना
Read Moreबच्चो बूझो एक पहेली, नाम बता दो उनका जो थे, नाम बड़ा और कद के छोटे, यही हमारी नई पहेली.
Read Moreखेल-खेल में सीख सकें हम गाना और बजाना, खेल-खेल में सीख सकें हम हंसना और मुस्काना, खेल-खेल में जाना हमने
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