छपाक छैया- लम्हें बारिश के।
छपाक छैया, ताल तलैया, नाचें हम बादल संग भैया। छपाक छैया! आसमान से गिरती बूंदें, तन को अपने सहलाती है,
Read Moreछपाक छैया, ताल तलैया, नाचें हम बादल संग भैया। छपाक छैया! आसमान से गिरती बूंदें, तन को अपने सहलाती है,
Read Moreदेखो मम्मी मेढक बोला आसमान मे बादल छाया मेघ भी जोर से गरजा डर के दीपू घर मे भागा होता
Read Moreरिम-झिम करता सावन आया। गरमी का हो गया सफाया।। उगे गगन में गहरे बादल, भरा हुआ जिनमें निर्मल जल, इन्द्रधनुष
Read Moreसोच सोच बचपन की बातें, दादा को लग रहा खराब। कहते हैं वह, जब छोटे थे, बाल पुस्तकें पढ़ते थे।
Read Moreसावन सूखा बीत न जाये। नभ की गागर रीत न जाये।। कृषक-श्रमिक भी थे चिन्ताकुल। धान बिना बारिश थे व्याकुल।।
Read Moreमैं हूँ नन्हा-मुन्ना बच्चा दिल का हूँ सच्चा-बच्चा पिता मेरे जीवन का आधार खुशियों से भरा पूरा परिवार माँ हरकदम
Read Moreबुरा न देखो, बुरा सुनो ना, बुरा न बोलो बोल रे, वाणी में मिसरी तो घोलो, बोल-बोल को तोल रे।
Read Moreठण्डी-ठण्डी हवा खिलाये। इसीलिए कूलर कहलाये।। जब जाड़ा कम हो जाता है। होली का मौसम आता है।। फिर चलतीं हैं
Read Moreछुक-छुक गाड़ी चलती जाती कू-कू की आवाज लगाती पटरी ऊपर दौड़ रही है गाँव बस्ती जोड़ रही है बोली मुझसे
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