फुलवारी..
रंग बिरंगे फूलो से ही महक रही दादा जी की फुलवारी कही चंपा कही चमेली कही अलबेला गुलाबो की डाली
Read Moreसुबह सुबह से बिटिया रानी, गाल फुलाये बैठी है उसे चाहिए लाल गुलाबी, पीले रंग की पिचकारीं। गए साल कीं
Read Moreशीत लहर ने कमरे में भी, ठंडक का मीठा रस घोला। कानों का कन टोपा बोला। गरम चाय के दौर
Read Moreदेखो माँ ये पतझड़ में क्यों सब मुरझाया लगता है आता है जब नव बसंत मन कूह कूह तब करता
Read Moreसुनों चुन्नू सुनों मुन्नू नानी का बुलावा आया हैं नानी के घर जाना हैं जल्दी सें तैयार हो जाओ गृहकार्य
Read Moreतितली रानी तितली रानी तेरी पंख कितनी सुहानी फूलों पर रहती मँडराती लाल, हरा, निला, पीला सब फूलों पर राज
Read Moreछायादार और बड़ा है जामुन का ये पेड़ खड़ा है। पंछी इस पर कलरव करते डाल डाल पर उड़ते फिरते।
Read Moreचाँद से ब्याह रचाने को आया एक पैगाम, खुशी से चाँद झूमने लगा पूरा हुआ अरमान। शर्ट और पतलून पहनकर
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