संस्मरण : वो होस्टल के दिन
बात उन दिनों की है जब हम परास्नातक करने गोरखपुर विश्वविद्यालय में पहुँचे।दाखिला मिलने के बाद रहने की समस्या आयी
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Read Moreगौरेया इंसानों के साथ रहने वाला पक्षी वर्तमान में विलुप्ति की कगार पर जा पहुंचा है । ये छोटे -छोटे
Read More–स्मृतियों के झरोखे से- (निवेदनः श्रीमती दीप्ति रोहतगी, बरेली वेदभाष्यकार प्रवर विद्वान आचार्य डा. रामनाथ वेदालंकार जी की दौहित्री हैं।
Read Moreइस देश में आई तो जनवरी का महीना था। और दो महीने लगे घर ज़माने में। एक कमरा और सांझी रसोई . उसमे
Read Moreबंबई के मुंबई बनने के रास्ते शायद इतने जटिल और घुमावदार नहीं होंगे जितनी मुश्किल मेरी दूसरी मुंबई यात्रा रही
Read Moreशादी को अभी तीन महीनें ही हुए थे। पतिदेव बैंक में सीनियर मैनेजर के पद पर पदस्थापित थे। जिनकी पोस्टिंग
Read Moreबुजुर्गो का आशीर्वाद ,सलाह सदैव काम आती है ये उनके पास अनुभव का ऐसा अनमोल खजाना होता है जिनको पीढ़ी दर
Read Moreमार्च आ गया है। ठण्ड बहुत पडी है और तूफ़ान भी एक के बाद एक अलग
Read Moreबाल दिवस 2003 – पत्नी का असामयिक निधन – इकलौती सन्तान 17 वर्षीया बेटी के लिए मम्मी की भी भूमिका
Read Moreकुत्ते तब भी पाले जाते थे, लेकिन विदेशी नस्ल के नहीं। ज्यादातर कुत्ते आवारा ही होते थे, जिन्हें अब स्ट्रीट
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