नई चेतना भाग –१९
थोड़ी ही देर में नारायण नहाधोकर बाल्टी में पानी लिए वापस आ गया था । कमरे में आकर नारायण ने
Read Moreथोड़ी ही देर में नारायण नहाधोकर बाल्टी में पानी लिए वापस आ गया था । कमरे में आकर नारायण ने
Read Moreधनिया को अधिक प्रयास नहीं करना पड़ा । बाबू उठ बैठा । धनिया बोली ” अब हमें देर नहीं करनी
Read Moreबाबू वहाँ से तो बड़ी तेजी से चला था लेकिन कुछ ही दूर आकर उसकी गति शिथिल पड गयी थी
Read Moreउधर लालाजी के पीछे चलते हुए बाबू बस्ती से काफी दूर आ गया था । खेतों के बीच ही बने
Read Moreबाबू के सवालों के प्रत्युत्तर में अमर थोड़ी देर खामोश रहा और फिर एक गहरी सांस लेते हुए बोला ”
Read Moreअमर मुश्किल से आधा घंटा भी नहीं सो पाया था कि सामने के कमरे से एक अस्पताल कर्मी बाहर आया
Read Moreचौधरी रामलाल की जीप कच्ची पगडंडी से होती हुयी शहर को जानेवाली मुख्य सड़क पर पहुंचकर तूफानी गति से शहर
Read Moreअमर के सर से रक्त की धार बह निकली । उसकी आँखों के आगे अँधेरा छाने लगा लेकिन हिम्मत नहीं
Read Moreधनिया अमर के कदमों से लिपटी बस रोये जा रही थी और अमर ! अमर की अवस्था तो उसे देखते
Read Moreअमर स्टेशन से निकल कर शीघ्र ही चौराहे पर पहुँच गया । चार रास्ते चार दिशाओं की तरफ जा रहे
Read More