विश्वासघात
पीर विश्वासघात की ऐसे ।खुला आकाश, वस्त्र जर्जर हो,और अगहन की रात हो जैसे। जेठ की जलती दोपहर जैसे।महामारी का
Read Moreपीर विश्वासघात की ऐसे ।खुला आकाश, वस्त्र जर्जर हो,और अगहन की रात हो जैसे। जेठ की जलती दोपहर जैसे।महामारी का
Read Moreसुनीता सिंह सरोवर द्वारा रचित प्रस्तुत संग्रह ‘धराधाम’ इंटरनेशनल के प्रमुख सौहार्द शिरोमणि संत डा. सौरभ एवं उनकी धर्मपत्नी डा.
Read Moreजबसे आपरेशन सिंदूर शुरू हुआयमलोक में भी जश्न का माहौल था,सीजफायर की खबर मात्र से जैसे बज्रपात हो गया।यमराज भागा-
Read Moreआज मेरे मन में एक विचार आया क्यों ना स्वयंभू श्रेष्ठ होने का आनन्द उठाया जाये।मैंने राय देने के लिए मित्र
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