कुण्डलियॉ छंद
वाणी पाणिनि शारदे, भर दो मन विश्वास । शीश किये नत हूँ खड़ी, टूट न जाए आस ।। टूट न
Read Moreवाणी पाणिनि शारदे, भर दो मन विश्वास । शीश किये नत हूँ खड़ी, टूट न जाए आस ।। टूट न
Read More1 – कविता से दिल को लगा ,भूल गए हो काम सविता बेलन ले चली , भुगतो अब अंजाम ।
Read Moreचल रहे जिस पथ, मारग है नीति का वो,आगे अभी बाकी सारा, आपका ये जीवन, कोण घडी जाने आवे, संकट
Read Moreसुनो दिवानी,राधा रानी,बृषभानु लली, रख प्रीती । क्षोभ सतावे,चैन न आवे,दिल ही जाने,जो बीती । यह सब साँचो,आँखिन बांचो,नहि कुटिल
Read Moreआभासी इक मीत ने ,खूब गिराई गाज दिल टूटा, धन भी लुटा,निकली धोखेबाज । निकली धोखेबाज , मिलन का न्योता आया
Read Moreजूता सिसकी भरि रहा, ये मेरा अपमान सोच-समझ कर तानिए, फिर करिए संधान फिर करिए संधान, ‘केजरी’ मुवां निठल्ला संविधान
Read Moreसखा मुलायम मान लो,अब तुम ‘हमरी’ बात ‘बेटुवा’ को दे दीजिए, कुर्सी और जमात कुर्सी और जमात, ‘बुढौती’ की है
Read Moreबिल्ली, कुत्ते, लोमडी, खच्चर, गधे, सियार सारे मिलकर करेंगे, पुनः शेर पर वार पुनः शेर पर वार, देखिये फिर ठगबंधन
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