क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 08/04/202508/04/2025 0 Comments जश्न सत्य को जानने लगे है लोग मरने वाले के साथ मरा जाता नहीं इसलिए अब शौक नहीं जश्न मनाने लगे Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 05/04/202507/04/2025 ख्याल बहुत कोशिश है तुझे भूल जाने की मेरी पर तेरी यादें मुझे तुझे भूलने नहीं देती जब भी करता हूँ Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 04/04/202504/04/2025 क्षणिका आँखों से आँखें चार हुईं वह आँखों की सीढ़ी चढ़ दिल में उतर गए फिर वह वह न रहे हम Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 21/03/202523/03/2025 क्षणिका जो कहते थे मोहब्बत में जी न सकेंगे तुम बिन मर जायेंगे हम वो भी जिन्दा हैं हम भी जिन्दा Read More
क्षणिका *अशोक दर्द 15/03/202515/03/2025 क्षणिकाएं क्षणिकाएं1सत्ता की जादूगरी काकमाल तो देखिएकोई रोजगार नहीं दिखताफिर भी मालामाल देखिए।।2 आदमी की संवेदना जो छीन लीमोबाइल नेएक दिन Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 03/03/202505/03/2025 मुखोटे मुखोटे पहन हम जी रहे कृतिम मुस्कुराटे बिखेर रहे अंदर कटुता से भरे बाहर मधुर मधुर गीत बोल रहे Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 19/01/202519/01/2025 क्षणिकएँ मैं जो भी हूँ कैसा भी हूँ तुम्हारी नज़रों से खुद को क्यों परखूं मुझे परखना है खुद को खुद Read More
क्षणिका *संजय वर्मा 'दृष्टि' 16/01/202516/01/2025 क्षणिका ढूंढती हैं निगाहेंअब नजर आता न कोईजिन्हें देखने केइंतजार में थक जाती थी पलकें।यादों में चेहरे अबअक्सर अब दिल कोधड़काते Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 06/01/202518/01/2025 क्षणकायें मैंने सोचा है अब मैं भी हाँ में हाँ मिलाऊँगा चमचा होने का गौरव पाऊँगा Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 29/12/202418/01/2025 क्षणिका आने वाले बेसब्री से इंतज़ार है तेरा हाँ मुझे मालूम है तू रुकने वाला कहाँ आकर गुजर जायेगा Read More