क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 09/05/202513/05/2025 0 Comments ख्वाब मैं खुद रह गया अधूरा बच्चों के ख्वाब करने को पूरा Read More
क्षणिका *संजय वर्मा 'दृष्टि' 03/05/202503/05/2025 0 Comments क्षणिका पेड़ो के काटे जाने कीघटना से व्यथित होकरअब कुछ पेड़ ही बचेजो प्रतिनिधित्व कर रहेगाँव में बचे पेड़ो काऔर लगा Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 14/04/202528/04/2025 जमीन का एक टुकड़ा जमीन का एक टुकड़ा खरीदकर खुद को इतना ख़ुश समझ रहा है जैसे यह ता जिंदगी मेरा ही रहेगा न Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 08/04/202508/04/2025 जश्न सत्य को जानने लगे है लोग मरने वाले के साथ मरा जाता नहीं इसलिए अब शौक नहीं जश्न मनाने लगे Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 05/04/202507/04/2025 ख्याल बहुत कोशिश है तुझे भूल जाने की मेरी पर तेरी यादें मुझे तुझे भूलने नहीं देती जब भी करता हूँ Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 04/04/202504/04/2025 क्षणिका आँखों से आँखें चार हुईं वह आँखों की सीढ़ी चढ़ दिल में उतर गए फिर वह वह न रहे हम Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 21/03/202523/03/2025 क्षणिका जो कहते थे मोहब्बत में जी न सकेंगे तुम बिन मर जायेंगे हम वो भी जिन्दा हैं हम भी जिन्दा Read More
क्षणिका *अशोक दर्द 15/03/202515/03/2025 क्षणिकाएं क्षणिकाएं1सत्ता की जादूगरी काकमाल तो देखिएकोई रोजगार नहीं दिखताफिर भी मालामाल देखिए।।2 आदमी की संवेदना जो छीन लीमोबाइल नेएक दिन Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 03/03/202505/03/2025 मुखोटे मुखोटे पहन हम जी रहे कृतिम मुस्कुराटे बिखेर रहे अंदर कटुता से भरे बाहर मधुर मधुर गीत बोल रहे Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 19/01/202519/01/2025 क्षणिकएँ मैं जो भी हूँ कैसा भी हूँ तुम्हारी नज़रों से खुद को क्यों परखूं मुझे परखना है खुद को खुद Read More