क्षणिका
कितने अभिमन्यु भेंट चढ़ेंगे कितनी माँयें रूदन करेंगीं ।। कब तक रक्ततलाई होंगे कितने वंशज युद्ध करेंगे।। एक निर्णायक युद्ध
Read Moreसंध्या की बेला है, या है सुरीला नग़मा, या कि लगा हुआ है सजीले रंगों का मजमा, सुनहरी-रुपहली, लाल-पीले रंगों
Read Moreप्रेम दीपक जलाए रखिए, प्रेम की रोशनी पाते रहिए, लुटाते रहिए. लीला तिवानी “कहां जा रही हो?” सूरज-किरण से
Read Moreअजब नज़ारा/ गरीब को… न वक्त पे रोटी/ अमीर को… न रोटी को वक्त अब बतलाओ … कौन बेचारा?
Read Moreइन्हें फूल (मूर्ख) न कहो, बहुत बुद्धिमान हैं ये, महकता-चहकता स्वाभिमान हैं ये, इनकी भाव-प्रवणता का जवाब नहीं, आनंद के
Read Moreसंध्या की बेला है, या है सुरीला नग़मा, या कि लगा हुआ है सजीले रंगों का मजमा, सुनहरी-रुपहली, लाल-पीले रंगों
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