माहिया छंद – नोक झोंक
जो देखोगे ऐसे,बढ़ती धड़कन है,गुजरेंगे फिर कैसे? नज़रें तो मिलने देमेंरी आँखों मेंसपने तो पलने दे। सपनो का क्या बोलोजागी
Read Moreजो देखोगे ऐसे,बढ़ती धड़कन है,गुजरेंगे फिर कैसे? नज़रें तो मिलने देमेंरी आँखों मेंसपने तो पलने दे। सपनो का क्या बोलोजागी
Read Moreचंद हाइकु 1. चुप रहना कुछ मत कहना कर दिखाना। ———– 2. अकेला तू ही बदलेगा दुनिया शुरु तो कर।
Read Moreकितना अकेला है ऊपर वाला;जगत जिसका है इतना अलवेला! बिना बात का रचा खेला;लग गया यहाँ मेला! ना कुछ लगाया
Read Moreहे राम, मैं हैरान;देखकर तेरा मकान! पाकर मुक़ाम,झाँक कर मचान;चलते तीर कमान,सब लहूलुहान! बिना इत्मीनान,ना कुछ सरोकार;ना काम ना धाम,बिन
Read Moreखेलना खेल खेल भावना अहम मनोरंज निष्पक्ष खेल देता परमानंद गौरव गान आत्मविश्वास उत्कृष्ट प्रदर्शन करे खिलाडी हार जीत से
Read More1. पिता की छाया बरगद सी बड़ी रक्षा कवच। 2. परम पूज्य पिता स्वर्ग समान पालनहार। 3. पितृ वचन सदा
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