हाइकू – माँ अम्बे को नमन
माँ तुम जैसा स्नेह-ममत्व पाऊँ, कहाँ जग में । —— कभी बनती, गौरी कभी काली सी, माँ कल्याण को ।
Read Moreमाँ तुम जैसा स्नेह-ममत्व पाऊँ, कहाँ जग में । —— कभी बनती, गौरी कभी काली सी, माँ कल्याण को ।
Read Moreप्यारी नदियाँ ******* 1. नद से मिली भोरे-भोरे किरणें छटा निराली। 2. गंगा पवित्र नहीं होती अपवित्र भले हो मैली।
Read More1. नील गगन पुकारता रहता – पाखी, तू आ जा! 2. उड़ती फिरूँ हवाओं संग झूमूँ बन पखेरू।
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