हार को ही उपहार बना लो
हार को ही उपहार बना लो, तमस को उजियार बना लो, ढूंढने से आनंद मिलेगा न कहीं, आनंद को जीने
Read Moreहार को ही उपहार बना लो, तमस को उजियार बना लो, ढूंढने से आनंद मिलेगा न कहीं, आनंद को जीने
Read Moreरहते सूरज इतनी दूर। फिर भी दें गर्मी भरपूर।। देर नहीं पल की भी करते। अंबर में तुम नित्य विचरते।।
Read Moreसुबह शाम पड़ती है भैया ठंड कड़ाके की। और रात की ठंडक तो है, धूम धड़ाके की। सुबह-सुबह की हालत
Read Moreनई उमंगे सँग में लेकर नव प्रभात अब आया है। बुरा समय अब बीत गया है नई किरण इक आई
Read Moreशीतकाल सौगातें लाया। ठंडी ऋतु का मौसम भाया।। छोटे दिन की लंबी रातें। अगियाने पर होतीं बातें।। गरम रजाई ने
Read Moreपेड़ों की ठंडी छांव में ज़रा बैठकर तो देखो, कित्ते बरस में पेड़ इतने ऊंचे-घने हो पाए, कैसे हो पाए
Read Moreबिल्ली मौसी झुंड में रहती, यों तो कहती नहीं मैं डरती, कहो आज क्या खास हुआ है, शायद चूहा पास
Read Moreकल केवल कुहरा आया था,अब बादल भी छाया है।हाय भयानक इस सर्दी ने,सबका हाड़ कँपाया है।। भीनी-भीनी पड़ी फुहारें,झीना-झीना उजियारा।आग
Read Moreलगती हमको धूप सुहानी। जाड़े की कहलाती रानी।। जब जाड़े का मौसम आता। बहुत-बहुत हमको वह भाता। दादी कहती खूब
Read More