बच्चों की कविता
मैंने पाली इक बिल्ली रोज सुबह जाती साथ मेरे करती वह भी वॉक उछल कूद करती रस्ते भर कभी इधर
Read Moreमैंने पाली इक बिल्ली रोज सुबह जाती साथ मेरे करती वह भी वॉक उछल कूद करती रस्ते भर कभी इधर
Read Moreछोटा बच्चा मैं बन जाऊं, खूब खेलूं, मौज मनाऊं।। खूब करे हम धमा-चौकडी, दादाजी की छुपाऊं छडी।। चिमटी धीरे से
Read Moreयशु सुबह उठा। दौड़ते हुए बाथरूम गया। वापस आया। देखा, मम्मी किचन में व्यस्त है। गरम-गरम रोटियाँ सेंक रही है।
Read Moreफूलों से मुस्कुराना सीखो, पंछियों से मस्त मगन जीना, तितलियों से ख्वाब बुनना, भंवरों से मधुर गुनगुनाना।। आंखों के तारों
Read Moreकाले भूरे गोरे रंग। देखो कितने सुंदर अंग।।नयन सदा ही खुलते संग। देखें दुनिया बढ़े उमंग।। नेक काज करते हैं
Read Moreअद्भुत अनुपम भारत मेरा।प्रचुर सम्पदा का शुभ घेरा।। कलरव करतीं यमुना गंगा।फहराता है सदा तिरंगा।।देव – देवियाँ करतीं फेरा।अद्भुत अनुपम
Read Moreभाई बहन में हुई लड़ाई,कुट्टी – मिठ्ठी होती आई।अब हम कुट्टी, न होंगे मिठ्ठी।नहीं बोलना, तुमसे भाई ll कूद- कूद
Read Moreमेरे प्यारे बच्चेतु है कितने भोलेतु नन्हे से सलोने हैसबके मन को मोहेलगते हो सबसे न्यारेकरते हो मीठी बातेसबके मन
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