जाड़ा
जाड़ा! जाड़ा!! जाड़ा! जाड़ा!! गई दिवाली झंडा गाड़ा।। गर्मी वर्षा विदा हो गए। आँधी पानी कहीं खो गए।। बोला कुकड़ूँ
Read Moreकड़ाके की ठंड पड़ रही थी। साँझ होते ही जंगल के सभी जानवर अपने-अपने घरों में दुबक जाते थे। ऐसा
Read Moreपेड़ों की ठंडी छांव में ज़रा बैठकर तो देखो, कित्ते बरस में पेड़ इतने ऊंचे-घने हो पाए, कैसे हो पाए
Read Moreबिल्ली मौसी झुंड में रहती, यों तो कहती नहीं मैं डरती, कहो आज क्या खास हुआ है, शायद चूहा पास
Read Moreकल केवल कुहरा आया था,अब बादल भी छाया है।हाय भयानक इस सर्दी ने,सबका हाड़ कँपाया है।। भीनी-भीनी पड़ी फुहारें,झीना-झीना उजियारा।आग
Read More“मैं बहुत थक गयी हूँ। अब एक कदम भी नहीं चला जाता है मुझसे। सुबह से शाम तक बस; सिर्फ
Read Moreलगती हमको धूप सुहानी। जाड़े की कहलाती रानी।। जब जाड़े का मौसम आता। बहुत-बहुत हमको वह भाता। दादी कहती खूब
Read More1. बच्चों का इक पर्व अनोखा , हर वर्ष जो आता है । हँसते गाते और नाचते ,
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