रिमझिम बरखा
मौसम कितना सुहावना है सावन जैसा ही लगता है रिमझिम -रिमझिम पानी बरसे छायी बदरिया है घनघोर।। आओ सोनू आओ
Read Moreमौसम कितना सुहावना है सावन जैसा ही लगता है रिमझिम -रिमझिम पानी बरसे छायी बदरिया है घनघोर।। आओ सोनू आओ
Read Moreमैं लाल गगरिया पानी की। माटी से बनी कहानी भी।। जिस कुम्भकार ने मुझे गढ़ा। नव स्वेद कणों का पाठ
Read Moreजब से मुँह पर लगा मुसीका। रहता सबको ध्यान उसीका। होठों की मुस्कान छिपाई। यह बचाव की अटल दवाई।। रोग
Read Moreगरमी के दिन आते ही, सूरज का चढ़ता पारा। ओह हाय ऊफ़ तौब़ा, करने लगता जग सारा। तन से छूटता
Read More1 अंत हटे तो काग बनू मैं, मध्य हटे तो काज । प्रथम हटे तो गज कहलाऊँ. नाम बताओ आज
Read Moreपंचतंत्र की कथा सुनाता बच्चों सुन लो ध्यान लगाय ज्ञान धर्म की बातें सुनना शिक्षा कभी व्यर्थ न जाय कौआ
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