मीत से प्रीति
कथाकार दिवाकर जी की कहानी ‘देहरी भई बिदेस’ पढ़ा, जो 07 नवम्बर ’16 के ‘आउटलुक’ (हिंदी) में छपा है ।
Read Moreकथाकार दिवाकर जी की कहानी ‘देहरी भई बिदेस’ पढ़ा, जो 07 नवम्बर ’16 के ‘आउटलुक’ (हिंदी) में छपा है ।
Read Moreप्रकृति कितनी बड़ी नियंता है जो अपने अनथक और सतत रूप से करोड़ों सालों से इस धरती रूपी प्रयोगशाला में
Read Moreदूसरे प्रान्त की पत्रिका में 26 वर्ष पूर्व ‘छठ’ पर मेरे ही न्यूज़फीचर छपा। लोक आस्था का महान सूर्योपासना पर्व
Read Moreइस शृंखला के दूसरे भाग में कुछ विचार होंगे और उन पर हमारा विमर्श होगा. आप भी कामेंट्स में संक्षिप्त
Read Moreओ३म् सभी मनुष्यों के जीवन में माता-पिता होते हैं जो सन्तानों को जन्म देने के साथ उनका पालन भी करते
Read More“पूजनीय बड़े पिता जी और माता जी, आप लोग मुझे माफ कर देना. मैं आपका अच्छा बेटा नहीं बन पाया……
Read Moreस्त्री-पुरूष के प्रेम में वस्तुत: प्रेम तो औरत ही करती है, पुरुष तो प्रेम का भोग करता है । पुरुष
Read Moreतन का प्रेम ‘वासना’ है और मन का प्रेम ‘बौखलाहट’ ! आप भी अपनी पत्नी को प्रेम नहीं, बल्कि ‘वासना’
Read Moreनारी तो ‘माँ’ का अद्भुत रूप होती है, जिन्हें परिभाषित नहीं की जा सकती ! ‘बहन’ और ‘बेटी’ तो पुरुष
Read Moreओ३म् मनुष्य अल्पज्ञ प्राणी होता है। इसका कारण जीवात्मा का एकदेशी, ससीम, अणु परिमाण, इच्छा व द्वेष आदि से युक्त
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