ये बचाने वाले लोग !
…कुछ लोग “बचाओ-बचाओ” के शोर के साथ मेरी ओर बढ़े आ रहे थे…उत्सुकतावश मैं अपने आगे-पीछे, दाएँ-बाएँ देखने लगता हूँ
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Read Moreआर्यावर्त नामक एक लोकतांत्रिक चरागाह थी . यहाँ खूब हरी- हरी घास उगती थी . इस चरागाह में अभिव्यक्ति की
Read Moreकानपुर की ओर जा रही बस पर मैं चढ़ लिया। बस की साठ परसेंट सीटे भरी थी। एक खाली सीट
Read Moreमंडला – विगत दिनों झांसी में डॉ.मनु जी स्मृति समिति व ट्रस्ट ने एक भव्य व गरिमापूर्वक आयोजन कर सुपरिचित
Read Moreअक्सर कुछ शब्द उन्हीं शब्दों से जुड़ी बात और उन्हीं बातो से जुड़े लोग मात्र हँसी के पात्र बनकर रह
Read Moreविचार तबतक पल्लवित–पुष्पित नहीं होते जबतक रचनाकार की अपनी कोई निजी सोच–संवेदना और दार्शनिक चिंतन नहीं होता.दर्शन और चिंतन का
Read Moreअब तो न दिन को चैन आता है और न ही रात को नींद आती है। इस आलम में कुछ
Read Moreपहले राजा लोग आलरेडी ईश्वर के अंश होते थे, इसलिए इनका किया-धरा आटोमेटिक “राजधर्म” हो जाता था..! कारिंदों के साथ
Read Moreक्या पता जब न्यूज चैनल नहीं थे तब हमारे सेलिब्रिटीज जेल जाते थे या नहीं… लेकिन हाल – फिलहाल उनसे जुड़ी
Read Moreरतनगढ़. भारत और नेपाल में सांस्कृतिक, सामाजिक व रोटी रोजी का मजबूत रिश्ता व संबंध है. इसलिए भारत नेपाल का
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