अंकल …चंदा दो
मैं सोकर ही उठा था कि दस-बारह लड़कों ने मेरा घर घेर लिया। मैंने सवालिया निगाहों से उनकी ओर
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Read Moreफागुन का महीना, देवरों पर होली के साथ-साथ चुनावों का भी खुमार, और सामने प्यारी सी सलोनी सी भाभी- ऐसे
Read More#बदहाल साल :: व्यंग्य पड़ताल# (पोस्टमार्टम:2016) विनोद कुमार विक्की जो बीत गई सो बात गई लेकिन सच तो ये है
Read Moreवैश्विक स्तर पर असंख्य हिंदी सेवी संस्थाएं हिंदी के विस्तार व उन्नयन हेतु प्रशंसनीय कार्य कर रही हैं I हिंदी
Read Moreकहते हैं कि मानो तो देव, नहीं तो पत्थर तो हैं ही। मानिए तो बहुत बड़ी उलझन है, न मानिए,
Read Moreचुनाव नजदीक था I हवा में महासंग्राम कर धुंआ फैल चुका था और वातावरण में उत्तेजना की गर्मी I महाभारत
Read Moreमैं यों ही बाजार की तरफ चला जा रहा था कि सामने से हमारे मौहल्ले का कलुआ आता दिखाई पड़ा।
Read Moreबिहार मे फागुन के उमंग पर जैसे शनि की कुदृष्टि पर चुकी है।एक समय था जब होली मे यहां के
Read Moreबात उन दिनों की है जब पहली बार मैंने वेलेंटाइन डे का नाम सुना था। “वैलेंटाइन डे” का नालेज, मेरे
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