ग़ज़ल
बहुत बीमार होती जा रही है । सियासत ख़्वार होती जा रही है ।। दिलों के दरमियां कैसे चमन में
Read Moreइस दर्द को निभाना सीखो। करता है जो ज़माना सीखो।। बहाने ढूंढने से न मिले तो, बिन बात मुस्कुराना सीखो।
Read Moreझट से अलग हुआ है मेरे मामले से वो। जैसे रिहा हुआ किसी सिलसिले से वो।। मेरी कमी को हर
Read Moreधार्मिक निष्ठा और धार्मिक कट्टरता सबसे पहले तो हमें यह समझना होगा कि धर्म क्या है? साधारण शब्दों में धर्म
Read Moreहम अतीत की जंजीरों में जकड़े हैं, हमें भविष्य का पंख लगाकर उड़ना है। गह्वर तम में डूबी ऊर्जा को
Read Moreमैं आजतक यह नहीं सोच सका कि मैं बिकाऊ हूं या नहीं। इस मंडी में कौन-कौन खरीददार हैं पहले यह
Read Moreसन 1900 के आसपास शामचौरासी, जिला होशियारपुर से पंडित परशुराम जी परिवार सहित आकर अमृतसर में रहने लगे।उस समय भारत
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