विजय और मनोरमा दोनीं पति-पत्नी विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त प्रोफेसर हैं और लंबे समय से शिमला में ही रहते थे। आजकल अपनी बेटी के पास आए हुए थे और इन दिनों बेटी के परिवार में दामाद और बेटा ही यहां थे। कुछ ही समय पहले मनोरमा के पेसमेकर लगा था और अब सहज महसूस कर रही […]
Author: डॉ. वी.के. शर्मा
आईरीन बिल डेविस : पुत्री के लिए चिंतित रहते हैं सभी माता-पिता
यह बात 1972 की है। मैं ल्यामुंगो (तन्जानिया) के काफी रिसर्च स्टेशन पर रिसर्च अफसर की प्रतिनियुक्ति पर या। परिवार साथ ही था। हमारे बंगले के साथ प्रिजांट परिवार तथा उससे अगले बंगले में डेविस परिवार रहता था। वे भी हमारी तरह विदेशी थी और कैनेडा सरकार की सहायता से चल रहे कृषि सुधार परियोजना […]
गाड़ी का हार्न
मेरी प्रतिनियुक्ति तंजानिया के काफी रिसर्च इन्स्टीट्यूट लूयामुंगो में थी। यह स्थान मोशी शहर से 15 किलोमीटर दूर था।मैं अपने परिवार के साथ परिसर में ही रहता था।हम लोग प्रायः सायंकाल को 4 बजे के लगभग अपनी गाड़ी से ही मोशी जाते थे। कभी-कभी हमारे सहयोगी भी साथ चले जाते थे। ऐसे ही एक बार […]
बिना छत का मंदिर : शिकारी माता का मंदिर
हिमाचल प्रदेश कुछ बातों में बहुत निराला है। वर्ष भर बर्फ से ढकी ऊंची चोटियां, शीत मरुस्थल, रसीले सेब के बागीचे, कांगड़ा की चाय, रोहतांग पास और अभी कुछ समय पहले बनी मनाली को लेह-लद्दाख से जोड़ने वाली सुरंग के अंदर बनी लगभग 9 किलोमीटर लंबी सड़क जिससे बर्फ पड़ने पर भी यातायात वाधित नहीं […]
बिना मुहूर्त के विवाह
साधारणतया ब्राह्मणों में मुहूर्त के अनुसार ही विवाह किया जाता है। वर और वधु पक्ष वाले अच्छा सा मुहूर्त निकलवा कर ही विवाह करते हैं। बहुत ऐसे ही बिना मुहूर्त के विवाह सफल होते हैं। हमारे के एक बहुत घनिष्ठ मित्र जो मेरे छोटे भाई की ही तरह हैं, उन्होंने अपना विवाह करने के लिए […]
नकलिए
आज से 8 दशक पहले गांव में किसी के यहां बारात आने पर नकलिए अवश्य आते थे। केवल 2 ही व्यक्ति होते थे । उनका काम बारातियों और अन्य उपस्थित लोगों को हंसाना होता था ।गांव में विवाह की तिथि का सभी को पता चल जाता था । बारातियों को ठहराने और खान-पान की व्यवस्था […]
ईश्वर भरोसे है सब कुछ
बात कुछ पुरानी है। इस से कोई विशेष अतर नहीं पड़ता।केवल कलाकार ही बदलते हैं, परिस्थितियां वही रहती हैं । उन दिनों मैं काफी अनुसंधान केन्द्र, ल्यामुंगो, तन्ज़ानिया में प्रतिनियुक था। मैं और इंस्ट्रक्टर मिस्टर मफूरु सरकारी काम के लिए सरकारी वाहन द्वारा दार-ए-सलाम गये थे।। वहां मुख्यालय में हमारी एक मीटिंग थी और अपने […]
आज भी देवदूत हैं
उन दिनों मेरी नियुक्ति तंज़ानिया में काफी रिसर्च इन्स्टीट्यूट ल्यामुंगो में थी। ल्यामुंगो से अरूशा 35 मील दूर था। हमारी बेटी शुचि अरूशा स्कूल में पढ़ती थी।वह यहां बोर्डिंग होस्टल में रहती थी और हम उसे शनिवार शाम को घर ले आया करते थे और सोमवार को स्कूल समय से पहले ही पहुंचा देते थे। […]
एक बिना छत का मंदिर
हिमाचल प्रदेश कुछ बातों में बहुत निराला है। वर्ष भर बर्फ से ढकी ऊंची चोटियां, शीत मरुस्थल, रसीले सेब के बागीचे, कांगड़ा की चाय, रोहतांग पास और अभी कुछ समय पहले बनी मनाली को लेह-लद्दाख से जोड़ने वाली सुरंग के अंदर बनी लगभग 9 किलोमीटर लंबी सड़क जिससे बर्फ पड़ने पर भी यातायात वाधित नहीं […]
निहंग सिख समुदाय का होला मोहल्ला
फाल्गुन माह में फाग और फिर चारों ओर उल्लास का वातावरण होना अनिवार्य सा लगता है। इस अवसर पर निहंग अपने उल्लास और आनंद का प्रदर्शन अपनी युद्ध कला का कौशल तथा उससे संबंधित कलाओं के माध्यम से व्यक्त करते हैं। वे फाल्गुन मास में होली के उत्सव की प्रतीक्षा करते हैं ताकि वे भी […]