ऐसी कोई गारंटी नहीं !
जनसाधारण से लेकर वीआईपी तक SDO कोर्ट से लेकर सर्वोच्च न्यायालय में न्याय की आश में पहुँचते हैं,जहाँ रसूखदार लोग
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Read Moreबधाई, राहुल जी ! परंतु बचकानी हिंदी से बचते हुए उचकानी हिंदी में आइये । आपने लालू जी को फिर
Read Moreअंतिम राउंड के मतदान के बाद गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में जैसी ‘एग्जिट पोल’ की रुझान आई
Read Moreबिहार सरकार का मानना है– ‘शिक्षक राष्ट्र – निर्माता नहीं होता है और अगर होते भी होगें, तो नियोजित शिक्षक
Read Moreहिंदी साहित्य में डॉ. नगेन्द्र के बाद ‘काव्य में अभिव्यंजनावाद’ को समृद्ध करनेवाले और कोई समालोचक हैं, तो वह है–
Read Moreघड़ी की सुई एक बजा रही थी ,नींद आँखों से कोसों दूर ।बावड़ा मन किसी निश्चय की घड़ी की तलाश
Read Moreकभी सोचता हूं कि कुछ नया नायाब लिखूं जो भी अब तक लिखा सब पुराना पढ़ा पढ़ाया था पर क्या
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