प्रभात
तमस को पराजित कर उषा के संग में, हो गया दिवाकर, अवतरण देखिये। चांद सितारो से भरी चादर उतार के
Read Moreआओ मिलकर पेड लगाएं, धरती पर हरियाली लायें, इस धरती पर बढ़ गया प्रदूषण, पेड लगाकर प्रदूषण भगाये, आज जीवन
Read More-1- बचपन के दो नयन में,ले भविष्य आकार। वर्तमान देखें युवा, जरा अतीताभार।। जरा अतीताभार, देखता बीते कल को। चखता
Read Moreमुझे याद है माँ की लोरी। माँ थी मेरी कितनी भोरी।। बिस्तर जब गीला हो जाता। रोकर अपना कष्ट बताता।।
Read Moreअपनी -अपनी सबको प्यारी है। अब चाहे वह घरवाली हो अथवा इज्जत। हमारे यहाँ घरवाली को इज्जत का पर्याय भी
Read Moreसुबह जगाने आता सूरज, शाम सुलाने आता चंदा। गर अदला-बदली हो जाए, झूम – झूमकर गाए बंदा।। पता नहीं सूरज
Read Moreजब से नारी को नारी का, सम्बल मिलना शुरु हुआ। वसुधा से उठकर नारी ने, हाथों से आकाश छुआ।। पग
Read Moreमैं दीन – हीन लघु दीप एक, थोड़ा – सा स्नेह प्रदान करो। रख दो गरीब की कुटिया में, उनकी
Read Moreप्राचीनकाल से ही मानव को अपने सहित इस धरती और इस धरती पर अन्य सभी जीवों की उत्पत्ति कैसे हुई
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