दोहा
शहंशाह जग में वही,जिसकी चले दुकान।बाकी सारे चोर हैं , कहते ये नादान।।1 नभ में उड़ने की नहीं,अपनी कोई चाह।बस
Read More(1)प्रेम रहा नहि प्रेम अब,प्रेम बना व्यापार |प्रेम अगर वह प्रेम हो,प्रेम करे भवपार ||(2)प्रेम संग पेशा मिला,हुआ बाद फिर
Read Moreअब तो अपनी सोच को,बदलो पाकिस्तान । घर में घुसकर मारते,जब लेते हम ठान ।। निकल गया जो हाथ से,बाद
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