गजल
लगती है रुखसार से वो मुझको नूरी सी जिस्म को सांसे है वैसे ही वो जरूरी सी उसको खोजता फिरता
Read Moreछिन्न भिन्न कर डाला उसको प्रकृति के भींगे है नयन तभी कोरोना तभी अधियाँ आफत आई है ये गहन मिली
Read Moreभँवर में डोलती कश्ती कोई कैसे संभाले अब । ये दिल करता है कर दूं खुद को तूफ़ां के हवाले
Read Moreहो जाऊं मै इतना दीवाना । तुम छोड़ दो मुझको समझाना । क्या ठीक है और गलत क्या है, इस
Read Moreजो बढ़ती जाती है पल-पल वो तासीरे मुहब्बत है । कि मिलकर खाक में पायी ये जागीरे मुहब्बत है ।
Read Moreयाद बेवक्त जो आये तो सजा बन जाये । याद हर वक्त जो आये तो नशा बन जाये । बनके
Read Moreमुहब्बत को मुहब्बत के सलीके से निभाया कर । हिज़र की स्याह रातों में चरागे दिल जलाया कर । वो
Read Moreमेरे सीने में है लेकिन दिल तेरी जागीर है । क्या बताऊँ किस कदर अब प्यार की तासीर है ।
Read Moreमुझे प्यार ने सिखाया है प्यार यूँ निभाना । तुझे याद भी न करना तुझे भूल भी न पाना ।
Read Moreगर आतिशे हिज़र में ये खुदी जली न होती । तो ज़िन्दगी में ऐसी कभी रौशनी न होती । मै
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