वापसी
“कुछ भी नही बदला सात वर्ष में, यहां तक कि मेरे हाथ का लगाया बगीचा भी।” सोचते सोचते रवि ने
Read Moreगरीब ! कहने को तो सबहि होते है,पर वास्तविक गरीब मन से हार मान लेने वाला ही होता है । अगर
Read Moreकार में जा रहे प्रेमी युगल में से प्रेमिका ने जब जून की तपती दोपहर में सड़क पर पिकेट पर
Read Moreपान की दुकान पर खड़े दो शिक्षकों की नज़र काफी देर से कड़ी धूप में ट्रैफिक चला रहे दो पुलिसवालों
Read Moreलघुकथा – उस का दर्द “ डॉक्टर साहब ! होश में आते ही वह फिर तडफने लगेगी. उस का कोई
Read More“यमदूत ! तुम किस ओमप्रकाश को ले आए. यह तो हमारी सूची में नहीं है. इसे तो अभी माता-पिता की
Read Moreबेटे ने घर में कदम रख ही था कि माँ ने कहा ,“ बेटा ! इस से पूछ . आज
Read Moreपूरा गांव उन्हें दीवाना, वहशी और पागल कहता था। पर न जाने क्यों मेरा मन कहता था युसूफ चच्चा ऐसे
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