लघुकथा

उस का दर्द – लघुकथा

लघुकथा – उस का दर्द
“ डॉक्टर साहब ! होश में आते ही वह फिर तडफने लगेगी. उस का कोई उपाय बताइए .”
“ वह अपने बच्चे से बहुत प्यार करती थी. फिर उस के छाती दूध से भर जाती है. इस से आप की पत्नी को ज्यादा तकलीफ होती है.” डॉक्टर ने कहा, “ आप उसे समझाए. किसी दूसरे के बच्चे को दूध पिला दिया करे.”
यह सुन कर पति की आँख में आंसू आ गए, “ वह एक कट्टर धार्मिक महिला है. वह नहीं मानेगी डॉक्टर साहब.”
तभी बच्चा को रोना सुन कर डॉक्टर ने आवाज दी, “ नर्स ! बच्चे को ले जाओ.”
“ जी ! “ नर्स ने कहा और वह सावित्री के पास पहुँच गई. जैसे ही उस कि आँखे खुली वैसे ही वह चहक उठी, “ मेरा बच्चा !”
“ हाँ सावित्री ! यह तेरा बच्चा है जो कृष्ण के रूप में रोड़ी ( गोबर का ढेर ) में पड़ा हुआ मिला था ताकि देवकी की तकलीफ दूर कर सके.” मगर सावित्री बिना सुने ही उसे दूध पिलाने में मशगुल थी और पास खड़ी नर्स ,जो अनाथालय में पलीबड़ी थी बच्चे से अपने जीवन की तुलना कर पहली बार मुस्कराई थी.
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१२/१०/२०१५

*ओमप्रकाश क्षत्रिय "प्रकाश"

नाम- ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ जन्म- 26 जनवरी’ 1965 पेशा- सहायक शिक्षक शौक- अध्ययन, अध्यापन एवं लेखन लेखनविधा- मुख्यतः लेख, बालकहानी एवं कविता के साथ-साथ लघुकथाएं. शिक्षा-बीए ( तीन बार), एमए (हिन्दी, अर्थशास्त्र, राजनीति, समाजशास्त्र, इतिहास) पत्रकारिता, लेखरचना, कहानीकला, कंप्युटर आदि में डिप्लोमा. समावेशित शिक्षा पाठ्यक्रम में 74 प्रतिशत अंक के साथ अपने बैच में प्रथम. रचना प्रकाशन- सरिता, मुक्ता, चंपक, नंदन, बालभारती, गृहशोभा, मेरी सहेली, गृहलक्ष्मी, जाह्नवी, नईदुनिया, राजस्थान पत्रिका, चैथासंसार, शुभतारिका सहित अनेक पत्रपत्रिकाआंे में रचनाएं प्रकाशित. विशेष लेखन- चंपक में बालकहानी व सरससलिस सहित अन्य पत्रिकाओं में सेक्स लेख. प्रकाशन- लेखकोपयोगी सूत्र एवं 100 पत्रपत्रिकाओं का द्वितीय संस्करण प्रकाशनाधीन, लघुत्तम संग्रह, दादाजी औ’ दादाजी, प्रकाशन का सुगम मार्गः फीचर सेवा आदि का लेखन. पुरस्कार- साहित्यिक मधुशाला द्वारा हाइकु, हाइगा व बालकविता में प्रथम (प्रमाणपत्र प्राप्त). मराठी में अनुदित और प्रकाशित पुस्तकें-१- कुंए को बुखार २-आसमानी आफत ३-कांव-कांव का भूत ४- कौन सा रंग अच्छा है ? संपर्क- पोस्ट आॅफिॅस के पास, रतनगढ़, जिला-नीमच (मप्र) संपर्कसूत्र- 09424079675 ई-मेल opkshatriya@gmail.com

2 thoughts on “उस का दर्द – लघुकथा

  • विभा रानी श्रीवास्तव

    प्रेरक कथा
    ममता ना जाने भेद

  • लघु कथा अच्छी लगी .

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