दोहे होली पर
होली पर्व रंगों का, मन का मिटै मलाल। कोई रंग बरसाये, कोई मले गुलाल।। —अशर्फी लाल मिश्र
Read Moreहोली पर्व रंगों का, मन का मिटै मलाल। कोई रंग बरसाये, कोई मले गुलाल।। —अशर्फी लाल मिश्र
Read More1. दे गया दग़ा रंगों का ये मौसम, मन है कोरा। 2. गुज़रा छू के कर अठखेलियाँ मौसमी-रंग। 3. होली
Read Moreमनहरण घनाक्षरी “होली के रंग” होली की मची है धूम, रहे होलियार झूम, मस्त है मलंग जैसे, डफली बजात है।
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