गजल
लगती है रुखसार से वो मुझको नूरी सी जिस्म को सांसे है वैसे ही वो जरूरी सी उसको खोजता फिरता
Read Moreहाँ मुझे दर्द होता है. मैं जब भी खुद से तेरे बारे में कुछ जिक्र करता हूँ हाँ मुझे दर्द
Read Moreइंतज़ार… इंतज़ार इंतज़ार बाक़ी है. तुझे मिलने की ललक और खुमार बाक़ी है. यूँ तो बीती हैं सदियाँ तेरी झलक
Read Moreतेरी ओर आना चाहूँ तेरी ओर आना चाहूँ, पर तूफ़ान हैं बहुत. मिलन के बीच में यहाँ, शैतान हैं बहुत.
Read Moreजिन्हें दिल में अब हम बसाने लगे थे वो ही दूर अब हम से जाने लगे थे… जो कहते
Read Moreमेरी माँ ने झूठ बोल के आंसू छिपा लिया भूखी रह के भी, भरे पेट का बहाना बना लिया. सर
Read Moreजब होके आस-पास भी खला होगा तभी तो रोने में फिर इक मज़ा होगा. आँखें तेरी देखेंगी जब तड़पता
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