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इंटरनेट के माध्यम से e-gurukul का संचालन करने का विचार

मित्रों, आपसे कुछ विचार करना चाहता हूँ। देश-विदेश में अनेक ऐसे युवा हैं जो वेद, दर्शन, उपनिषद्, संस्कृत भाषा सिखने के इच्छुक हैं परन्तु अपनी व्यवसाय, अपनी शिक्षा, अपनी परिवार के कारण किसी भी वैदिक गुरुकुल में प्रवेश लेने में असमर्थ हैं। आज इंटरनेट क्रांति का युग हैं। इस युग में घर बैठे वैदिक सिद्धांतों से युवाओं को विश्व के किसी भी कोने में परिचित करवाने के लिए  e-gurukul का  संचालन करने का विचार आया हैं। इस विचार का स्वरुप इस प्रकार हैं।

१. इस सुविधा के अंतर्गत वैदिक ग्रंथों को पहले youtube यु ट्यूब के माध्यम से इंटरनेट पर डाला जायेगा। जैसे उदहारण के लिए योग दर्शन के प्रथम पाद के प्रथम सूत्र का भाष्य २०-३० मिनट की वीडियो बनाकर डाला जाये। अगले वीडियो में अगले सूत्र पर डाला जाये। इस प्रकार से सम्पूर्ण योगदर्शन को वीडियो के माध्यम से पढ़ाया जाये।

२.  इस वीडियो के अतिरिक्त skype स्काइप द्वारा सप्ताह में एक एक घंटे की online teaching ऑनलाइन टीचिंग की सुविधा होगी। स्काइप के माध्यम  शंका समाधान  होगा।  स्काइप सुविधा को प्राप्त करने के लिए नियम से दाखिला कर सम्बंधित पुस्तकें प्रेषित की जाएगी जिनसे विषय को समझने में सरलता हो सके।

३. कोर्स के अंत में लिखित, मौखिक परीक्षा होगी जिसमें उत्तीर्ण होने पर distant learning से शिक्षित होने का सर्टिफिकेट दिया जायेगा।

४. इस माध्यम से विद्यार्थी किसी भी आयु, व्यवसाय, देश अथवा स्थान का हो वैदिक वांग्मय के ग्रंथों से सुपरिचित होकर सिद्धांत को जानने वाला बनेगा।

पाठक अपने विचारों से अवगत करवाये। आपके सहयोग की अपेक्षा रहेगी।

डॉ विवेक आर्य

2 thoughts on “इंटरनेट के माध्यम से e-gurukul का संचालन करने का विचार

  • गुंजन अग्रवाल

    gud job

  • विजय कुमार सिंघल

    आपका विचार अच्छा है.

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