राजनीति

अपने ही घर में घिरे मोदी

मोदी जी टूर ऑफ़ विदेश पर हैं. वंही देश में कांग्रेस सरकार विपछ की भूमिका अदा कर रही है. संसद के बहार राहुल जी खुल कर बोलते हैं, पर संसद के अंदर वह भी मनमोहन हैं. मोदी पर हमला करने से राहुल गांधी नहीं चूकते और नहीं कांग्रेस पार्टी. और बिहार के मुख्यमंत्री की सोच तो दरिया से आसमान छूने की है. वह आज कल सपने प्रधानमंत्री बनने  के देख रहे हैं. जो एक राज्य को नहीं  संभाल पा रहे हैं वह पुरे देश को सँभालने की बात कर रहे हैं.

मोदी को विदेश में नंबर एक की भूमिका बताई गई है, पर देश में पिट गए हैं. मोदी कांग्रेस मोदी के हर बयान पर निगाह गाड़ के बैठी है. मोदी के केंद्रीय मंत्रिमंडल में कई मंत्री है जो पनी जुबान से ही कमल खिलाते हैं. गिरिराज सिंह ,साध्वी निरंजना ज्योति या फिर स्मृति ईरानी- यह सब अपनी जुबान से ही मोदी का कमल खिलाती हैं. साध्वी निरंजना ज्योति की बयान आप सब सुने होंगे, जिनका कहना था की रामजादे और हरामजादे. मैडम जी आपने मुख पर काबू ना रख पाई और विपक्ष की पार्टियो को उन्होंने हराम जादे से नवाजा. ज्योति की ज्योत जल गई पर बल अब भी नहीं गई संसद में मोदी को तानो से नवाजा गया.

संसद में विपछ के कई बड़े नेता मोदी को घेर लिए, क्योंकि उनके संसद ने इस तरह के बयान दिए जिससे मोदी को भी शर्म महसूस होने लगा. मोदी ने आपने मंत्रियो को हिदायत दी. कहा- पहले सोचो फिर बोलो और अपने मुंह पर काबू रखो,  नहीं तो भुगतना  पड़ेगा. संसद में मोदी ने आपने सभी सांसदों को सबक सिखाया. संसद में मोदी को काले धन के मुद्दे पर सभी पार्टीयो ने घेरा. ममता बनर्जी हो या आनंद शर्मा या फिर कांग्रेस के उपाध्याच राहुल गांधी सब ने मोदी के कार्यकाल के 6 महीने  पुरे होने पर चुटकी ले रहे हैं. मोदी के केंद्रीय मंत्रिमंडल में वेंकैया नायडु हो या पियूष गोयल या सुषमा स्वराज, सबके स्वराज को खंगालते कांग्रेसी.

अब कोई बीजेपी को वोट नहीं देता. वोट देता है तो मोदी को. आज कल मोदी जी झारखंड और कश्मीर की घाटियों में चुनावी रैल्लियों को संबोधित कर रहे हैं. बीजेपी कभी किसी नेता पर चुनाव नहीं लड़ती, पर अब एक आदमी पर चुनाव लड़ रही है. वह कोई और नहीं मोदी हैं जिन्हें लोग सामने रख कर चुनाव लड़ रहे हैं. चुनाव जीतने पर मुख्यमंत्री तय किया जाता है, पर उससे पहले नहीं क्यों की कहावत है फगुवा बहार आई, मोदी जी की ललकार आई. झारखंड की हर गलियों में यही गूंज गूंज रही है. मोदी आए विकाश लाये, कांग्रेस को दूर भगाए, भईया मोदी आए.

कश्मीर में कश्मीरी पंडितो को हक़ दिलाने की बात करने वाले मोदी अब कुछ कह नहीं रहे हैं. कश्मीर आए दिन आतंकी हमले हो रहे है. सेना जवाब दे रही है. रोज करीब दर्जन भर सैनिक  शहीद हो जाते हैं. मोदी जी एक्शन में नहीं है पाकिस्तान एक्शन में दिख रही हैं. वंही विपक्षी पार्टियों ने मोदी का घेराव करने का मन बना रखा है. मुलायम , लालू, नितीश , मायावती सब ने मोदी का विरोध करना शुरू कर दिया. मोदी जी जनसभा को समझा रहे हैं. पर खुद के मंत्रियों को भी. लेकिन विपछ को क्या समझौगे वह तो आप की खिलाफ है. राहुल तो काली पट्टी बांध घोड्सवरि कर रहे हैं मोदी जी दहाड़ लगाइये विकाश लाइए.

One thought on “अपने ही घर में घिरे मोदी

  • विजय कुमार सिंघल

    विपक्षी दलों द्वारा मोदी जी को घेरने की पूरी कोशिश की जा रही है. उनके हर वाक्य में बाल की खाल निकाली जाती है. पर जनता पर मोदी जी का जादू इस तरह चढ़ गया है कि विपक्ष की खोखली बातों का उस पर कोई असर नहीं होता. अनेक राज्यों में भाजपा की जीत होना इसका सबसे बड़ा सबूत है. अब जम्मू-कश्मीर-लद्दाख और झारखण्ड में भी मोदी जी की आंधी चल रही है.

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