कविता

अकेले ही अकेले हूँ

अकेले ही अकेले हूँ
ना साथ कोई है मेरे
लोग सारे चले गये
तन्हा मैं ही रह गया।

राही सभी चले गये
देखता मैं रह गया
दूर गया कारवाँ
अकेला ही ठहर गया।

फैसला ये अज़ीब है
लोगों में मैं बँट गया
और जाकर रूका वहाँ
सब कुछ जहाँ थम गया।

अकेले ही अकेले हूँ
ना साथ कोई है मेरे॥

© राजीव उपाध्याय

राजीव उपाध्याय

नाम: राजीव उपाध्याय जन्म: 29 जून 1985 जन्म स्थान: बाराबाँध, बलिया, उत्तर प्रदेश पिता: श्री प्रभुनाथ उपाध्याय माता: स्व. मैनावती देवी शिक्षा: एम बी ए, पी एच डी (अध्ययनरत) लेखन: साहित्य एवं अर्थशास्त्र संपर्कसूत्र: rajeevupadhyay@live.in

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