हाइकु/सेदोका

कुछ हाइकू

{मेरी पहली कोशिश}

1.पेड़ लगाएं
पेड़ों से है जीवन
जीवन पाएं.

2.खो गई हूं मैं
मुझे रास्ता दिखा दे
ऐ मेरे खुदा.

3.रंग बिरंगी
मेरे भैया की राखी
मुझको भाती.

4. तुझे प्रणाम
जग जननी नारी
तू है महान.

5.हाइकु लाया
गागर में सागर
मन हर्षाया.

8 thoughts on “कुछ हाइकू

  • राज किशोर मिश्र 'राज'

    बहुत बढ़िया हायकू तुकांत का अनुपम समन्वय

    • मनजीत कौर

      इतने त्वरित व हार्दिक कामेंट के लिए ह्रदय से शुक्रिया और धन्यवाद भाई साहब |

  • विजय कुमार सिंघल

    अच्छी हाइकु !

    • मनजीत कौर

      हौंसला अफजाई के लिए दिल की गहराईओं से शुक्रिया भाई साहब |

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    मंजीत , अछे हाइकु हैं और मेरे जैसों के लिए समझने भी आसान हैं . वैसे मैं समझता हूँ कि भाषा सरल ही होनी चाहिए , ताकि सभी पाठक समझ सकें . आगे भी इन्जार रहेगा .

    • मनजीत कौर

      इतने त्वरित व हार्दिक कामेंट के लिए ह्रदय से शुक्रिया और धन्यवाद भाई साहब ।

  • राज किशोर मिश्र 'राज'

    वाह अतीव सुंदर हायकू

    • मनजीत कौर

      भाई साहब, मेरे लिखे हाइकू” मेरी पहली कोशिश ” पसंद करने के लिए आप का दिल की गहराईओं से शुक्रिया

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