गीत/नवगीत

नवगीत : पहली दफा

पहली दफा जब तुम मिले तो सब मिल गया
पहली दफा जब तुम हुए खफा तो सब मिट गया
पहली दफा जब तुम हंसे तो ये जहाँ खिल गया
पहली दफा जब तुम रोए तो आँखों से आँसू बह गया
पहली दफा पहली दफा
मुझे तुमसे प्यार हुआ है

चल न सका जब तुम रूके
रूक न सका जब तुम बढे
कदमों ये कदम मिलाता चलूँ
कुछ गम मैं मिटाता चलूँ
कैसे कहूँ मेरा हाल क्या है
मुझे तेरा ही तो ख्याल है
पहली दफा पहली दफा
मुझे तुमसे प्यार हुआ है

जब सामने तुम होती हो तो
वक्त का पता नहीं चलता है
जब पास तुम नहीं होती हो तो
एक पल भी भारी लगता है
पहली दफा पहली दफा
मुझे तुमसे प्यार हुआ है

पहली दफा पहली दफा आ आ आ
पहली दफा पहली दफा

One thought on “नवगीत : पहली दफा

  • विजय कुमार सिंघल

    अच्छा नव गीत !

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