कवितापद्य साहित्य

आज जो ये आज है

आज, जो ये आज है
कल नहीं रह जाएगा।
बारिश के बादलों सा
कुछ बरसेगा
कुछ रह जाएगा॥हर बात
हर हस्ती
हर बस्ती
ख़ाक में मिल जाएगी। 

फितरत आदमी की
कहाँ-कहाँ ले जाएगी।
भाषा, परिभाषा 
और नियमों का क्या? 
कुछ नहीं रह जाएगा
बाकी अगर रहा कहीं तो
मिथक बस कहलाएगा॥ना तुम होगे, ना रहूंगा मैं
प्रेम अमर

बस रह जाएगा॥

ये आज जो आज है
कल अतीत बन जाएगा॥

राजीव उपाध्याय

नाम: राजीव उपाध्याय जन्म: 29 जून 1985 जन्म स्थान: बाराबाँध, बलिया, उत्तर प्रदेश पिता: श्री प्रभुनाथ उपाध्याय माता: स्व. मैनावती देवी शिक्षा: एम बी ए, पी एच डी (अध्ययनरत) लेखन: साहित्य एवं अर्थशास्त्र संपर्कसूत्र: rajeevupadhyay@live.in

2 thoughts on “आज जो ये आज है

  • महातम मिश्र

    बहुत खूब श्री आरजीव उपाध्याय जी, आज, आज नहीं रह जायेगा……क्या बात है……

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