कविता

जीवन की राह

जीवन की राह
कांटों से भरी पड़ी है
राह कठिन है पर
घबराना भी नहीं है
एक-एक कदम उठाकर
आगे बढ़ते जाना है
काली रात हो या हो उजाला
कड़ी धूप हो या हो वर्षा
तेज आँधी हो या हो तूफ़ान
बस एक ही लक्ष्य हो
तभी जीवन सफल होगा
जब मंजिल सामने होगी

— निवेदिता चतुर्वेदी

निवेदिता चतुर्वेदी

बी.एसी. शौक ---- लेखन पता --चेनारी ,सासाराम ,रोहतास ,बिहार , ८२११०४

2 thoughts on “जीवन की राह

  • विभा रानी श्रीवास्तव

    सुंदर

  • विजय कुमार सिंघल

    अच्छी !

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