कविता

कविता : बेटी

दुआओं सी मासूम
कोमल सपनो सी !
फूलों पर झरती हुयी,
शबनम सी !
पूजा है प्यार है बेटी,
ईश्वर का अनुपम उपहार है बेटी !
मन्नत में मांगी हुई मुराद ,
घर में खुशियों की बरकत
सी!
माँ बाबा के दिल की धड़कन,
घर में खुशियों की गुंजन सी!
आशा और उम्मीदों की उड़ान है बेटी !
पूजा है प्यार है बेटी,
ईश्वर का अनुपम उपहार है बेटी!
रंग तितलियों के ले आयीं वो सारे,
वो शगुन की रंगोली सी!
चले तो लक्ष्मी का आगमन,
शोख चंचल हिरनी सी!
गंगा सी पावन,झरनों की कल-कल है बेटी!
पूजा है प्यार है बेटी,
ईश्वर का अनुपम उपहार है बेटी!
दूध में घुली सूरज की लाली
रुप देख माँ जाये बलिहारी!
कभी गायत्री कभी सरस्वती,
कभी वो दुर्गा काली सी!
सती सावित्री सी श्रद्धा और संस्कार है बेटी–
पूजा है प्यार है बेटी,
ईश्वर का अनुपम उपहार है बेटी!
वेदों ऋचाओं सी उसकी बोली,
साँसों-साँसों महके कस्तूरी!
घर के आँगन की वो तुलसी,
बाहर मनचलों पर गिरी बिजली सी !
झांसी की रानी सी हिम्मत वाली है बेटी–
पूजा है प्यार है बेटी,
ईश्वर का अनुपम उपहार है बेटी!

— राधा श्रोत्रिय”आशा”

राधा श्रोत्रिय 'आशा'

जन्म स्थान - ग्वालियर शिक्षा - एम.ए.राजनीती शास्त्र, एम.फिल -राजनीती शास्त्र जिवाजी विश्वविध्यालय ग्वालियर निवास स्थान - आ १५- अंकित परिसर,राजहर्ष कोलोनी, कटियार मार्केट,कोलार रोड भोपाल मोबाइल नो. ७८७९२६०६१२ सर्वप्रथमप्रकाशित रचना..रिश्तों की डोर (चलते-चलते) । स्त्री, धूप का टुकडा , दैनिक जनपथ हरियाणा । ..प्रेम -पत्र.-दैनिक अवध लखनऊ । "माँ" - साहित्य समीर दस्तक वार्षिकांक। जन संवेदना पत्रिका हैवानियत का खेल,आशियाना, करुनावती साहित्य धारा ,में प्रकाशित कविता - नया सबेरा. मेघ तुम कब आओगे,इंतजार. तीसरी जंग,साप्ताहिक । १५ जून से नवसंचार समाचार .कॉम. में नियमित । "आगमन साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समूह " भोपाल के तत्वावधान में साहित्यिक चर्चा कार्यक्रम में कविता पाठ " नज़रों की ओस," "एक नारी की सीमा रेखा"