कविता

कविता : ज़िन्दगी

ज़िन्दगी तूने दिए ,
ज़ख्म बहुत,
पर हौसला न मेरा ,
तोड़ पाई है ।
माना की हैं ,
दुश्वारियां बहुत ,
जीने की मैंने ,
कसम खाई है ।
शक्ति हूँ मैं ,
कमज़ोर नहीं ,
शूल चुनके मैंने ,
राह बनाई है ।
हर फ़िक्र से अब ,
आज़ाद हूँ ,
अपनी हस्ती मैंने ,
आजमाई है ।

         —  ज्योत्स्ना

ज्योत्सना सिंह

नाम- ज्योत्सना सिंह । जन्म- 1974 शिक्षा- एम.ए.( अंग्रेजी साहित्य) बी.एड. व्यवसाय- कई वर्ष तक पब्लिक स्कूलों में शिक्षण कार्य। वर्तमान शहर- बरेली । फ़ोन न- 9412291372 मेल आई डी- jyotysingh.js@gmail. com विधाएँ - कविताएँ, लघुकथा, कहानी, निबन्ध लेख । प्रकाशन- विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित।